लापरवाही ने दरियापुर सजौर निवासी सुनीता (35) की गुरुवार को जान ले ली। एक निजी चिकित्सक के यहां संक्रमित बच्चेदानी के ऑपरेशन के कुछ दिन बाद परेशानी बढ़ने पर उसे जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया था। यहां दोबारा हुई जांच में पता चला कि टीवी के संक्रमण के कारण महिला का गर्भाशय और आंत मिल गया है। बीते बुधवार को डॉ. मृत्युंजय व डॉ. रत्नेश की टीम ने ऑपरेशन कर उसे अलग किया। पर इसके 12 घंटे बाद महिला की मौत हो गई। डॉक्टरों ने हार्ट फेल होने को मौत का कारण बताया है। पहले इलाज देर से शुरू होने व उसके बाद एक के बाद एक ऑपरेशन करने से महिला की हालत बिगड़ती चली गई थी।पेट में गॉज छोड़ने का लगाया था आरोप
इससे पूर्व सुनीता के पति गोपाल दास ने आरोप लगाया था कि 15 नवंबर 2016 को स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता ने ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकालने के बाद उसकी पेट में ही गॉज पट्टी छोड़ दी थी। यही नहीं पेट में दर्द बढ़ने पर इलाज करने के बजाए उसे जेएलएनएमसीएच जाने को कह दिया था। दोबारा 31 दिसंबर को महिला की पेट में दर्द होने पर उसे डॉ. कुमार रत्नेश की यूनिट में भर्ती किया गया। यहां जांच में पता चला कि टीवी की वजह से आंत में संक्रमण हो गया है। जो कुछ भी खाती है पेशाब के रास्ते निकल जाता है। रविवार को गॉज पट्टी भी पेशाब के रास्ते से ही निकला था।
सफल हो गया था ऑपरेशन
इधर, डॉ. रत्नेश ने बताया कि ऑपरेशन सफल हो गया था। रात को अचानक बीपी लो होने लगा और वह शॉक में चली गई। हार्ट फेल हो जाने से उसकी मौत हो गई।
कोट :-
सुनीता के पेशाब के रास्ते से हो रहे रक्तश्राव को रोकने के लिए गॉज डाला गया था। वही बाद में निकला। ऑपरेशन के दौरान पेट में कपड़ा छोड़ने का आरोप बेबुनियाद है। सुनीता गंभीर रूप से टीवी से ग्रसित थी। संक्रमण होने से बच्चेदानी और छोटी आंत का रास्ता जुड़ गया था।
– डॉ. अनीता कुमारी
कोट :-
जेएलएनएमसीएच के चिकित्सकों ने ऑपरेशन के बाद भी मरीज का पूरी तरह से ख्याल रखा। मुझे किसी से शिकायत नहीं है।
– गोपाल दास, मृतका का पति